"कुछ खोयी हुई, कुछ दबी हुई
सीली, ठंडी, अनकही सभी
- उड़ानों का -
तू साखी है...
जिनका लेकिन, मुझमें अब भी
बस इक एहसास, बाकी है.,
हाँ बाकी है,,,
उड़ जाता है, जुगनू की तरह, फिर क्यों ?
मेरी पलकों से, तू यूँ
- उजालों सा -
पर घुला भी है, हर्फ़ों की तरह, फिर क्यों?
मेरी आँखों में, तू यूँ
- सवालों सा -
तू कौन है, तेरा नाम है क्या ?
तेरा मुझमें कहीं एहतराम है क्या ?
तू मिल जाए तो क्या होगा ?
घुल जाए मुझमे तो क्या होगा ?
क्या होगा ?"
ps: "The world made me cold.
You made me water.
Someday we'll be clouds"
- Ian Thomas
(The previous night a conversation reminded me of these three lines by Ian Thomas and they are still reverberating in my mind.)
So very beautiful GB.
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ReplyDeleteBeautiful..
ReplyDeleteVery beautiful indeed.
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