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Wednesday, October 19, 2016

The world made me cold...


"कुछ खोयी हुई, कुछ दबी हुई 
सीली, ठंडी, अनकही सभी 
- उड़ानों का  -
तू साखी है...  
जिनका लेकिन, मुझमें अब भी 
बस इक एहसास, बाकी है., 
हाँ बाकी है,,,

उड़ जाता है, जुगनू की तरह, फिर क्यों ?
मेरी पलकों से, तू यूँ 
- उजालों सा -

पर घुला भी है, हर्फ़ों की तरह, फिर क्यों?
मेरी आँखों में, तू यूँ 
- सवालों सा -

तू कौन है, तेरा नाम है क्या ?
तेरा मुझमें कहीं एहतराम है क्या ?
तू मिल जाए तो क्या होगा ?
घुल जाए मुझमे तो क्या होगा ?
क्या होगा ?"
ps: "The world made me cold.
You made me water.
Someday we'll be clouds"
- Ian Thomas

(The previous night a conversation reminded me of these three lines by Ian Thomas and they are still reverberating in my mind.)

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