रुख बदल जाए न,इस हवा का कहीं...
तेरे हाथों में सब,है भी ,है भी नहीं...
तू आसमानों-सा,
क्या ढूंढ़ता खुद में है
रंगों-सा..
तुझमें तूफानों-सा,क्या बह रहा है जो
जंगों-सा..
तुझसे रोज़ लड़ता है
फिर भी प्यार करता है।
तेरा नहीं है क्या ?
तेरा कहीं है क्या ?
बसेरा।
तू रौशनी-सा है;
कहता क्यों है फिर, तुझमें है
अँधेरा।
मुझमें जो तेरा है;
तुझमें भी कहीं क्या है,
मेरा।
photograph source https://www.pinterest.com/pin/464152305319738543/
and the essays can be elaborated on n on...
ReplyDeleteI wonder if, you have read them and then commented... i know the hindi barrier exists..:)
DeleteI try to translate all my hindi verses. but m not able to for some:)
keep talking.
kar bhi kya sakta tha tu chah kar bhi,
ReplyDeletekabhi kiya bhi, kabhi saha bhi nahi
sab tujhe se hi hai panapta
kabhi saha, kabhi jiya bhi nahi
pyaar main jeene ka naam hai zindagi
kabhi jiya, kabhi mara bhi nahi