तू आधा-सा क्यों है? तू आधे से थोड़ा ज़ियादा-सा क्यों है?
मैं लम्हे के मानिंद मुख़्तसर हूँ, अयाँ हूँ
गरचे-सा कभी तू लिहाज़ा-सा क्यों है?
( मानिंद - like, जैसा, की तरह; मुख़्तसर - short, छोटा सा ; अयाँ - evident, स्पष्ट ; गरचे - if, even though, मगर, लेकिन; लिहाज़ा - therefore, thats why, इसलिए)
तू शहरों की सड़कों पे शामों-शबों में
पिघलता हुआ कोई वादा-सा क्यों है?
(शब - night, रात)
हर्फ़ों से फ़र्दों पे सरहद बनाकर
बता तेरा दिल ये कुशादा-सा क्यों है?
(फ़र्दों - stamp papers ; कुशादा - open, uncovered, खुला)
इल्तिज़ा-ब-लब मैं बरसता आसमाँ सा
तू ख़ामोश-सा इक तकाज़ा-सा क्यों है?
(इल्तिज़ा-ब-लब - request on lips ; तक़ाज़ा - pressing demand)
नहीं अब यहाँ हूँ, कि मैं जा चुका हूँ
तू आकाश पर ईस्तादा- सा क्यों है?
(ईस्तादा - standing, खड़ा हुआ)
तू क्यों धमनियों में धधकने लगा है?
छुअन-सा, लहु-सा, तू बादा-सा क्यों है?
(बादा - wine)
मैं उठकर गिरा हूँ, मैं गिरकर उठा हूँ
मेरी वुसअतों का इरादा-सा क्यों है?
(वुसअतों - expanse, फैलाव)
मेरी कैफ़ियत के तर्जुमें बहुत हैं
पर सभी में बसा हर्फ़-ए-सादा सा तू है।
(कैफ़ियत - narrative ; तर्जुमें - interpretations, translations, अनुवाद; हर्फ़-ए-सादा - simple word)
तू आधा-सा क्यों है? तू आधे से थोड़ा ज़ियादा-सा क्यों है?
Adhuri si hai shaamein
ReplyDeleteAdhuri si hai barish
Adhuri si hai aarzoo, adhuri hai har khwaish
Karne ko toh hai baatein hazaron
Phir bhi kyun hai har baat adhuri
Chahte hai shayad, mere apne
Phir bhi lagti hai har chahat adhuri
Bhini si hai barish mein yeh mitti ki khushboo
Kahin reh gayi hai uski mehek adhuri
Raat gunguna rahi hai khubsoorti ki dastaan
Karvat mein hai ek ummeed
Reh gayi woh ummeed adhuri.
Nice
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