"कैसे में कागज़ पर लिख दूं ?
रस्म-उल-ख़त में कोई हर्फ नहीं
आंखों में रोक के बैठी हूं,
मुझमें है बचा कोई ज़र्फ़ नहीं। "
रस्म-उल-ख़त - script
हर्फ - word
ज़र्फ़ - vessel, container
'The Abode',as the dictionary says is a housing that someone is living in, your residence. I tend to question my childhood dream of an Abode-my small and happy world. "Do i really want a residence where my travel would cease and i would get settled?" "Does such an abode actually exist?" "IF MY JOURNEY DEPRIVES ME OF 'MY ABODE', I HAVE NO REGRETS!!"
Bagh-e-Bahisht Se Mujhe Hukam-e-Safar Diya Tha Kyun Kaar-e-Jahan Daraz Hai, Ab Mera Intezar Kar - Mohammad...
मैं रूठा ,
ReplyDeleteतुम भी रूठ गए
फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है ,
कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
मैं चुप ,
तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?
बात छोटी को लगा लोगे दिल से ,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर ,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी ,
न तुम राजी ,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन
दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे ,
एक तेरे भीतर भी ,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
एक ने आँखें….
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?