मै उड़ने लगा तुझसे मिलके
मैं मैं भी रहा, तू तू भी रहा ;
कुछ ऐसे घुला तुझमें मिलके
तू पलकों पर , उड़ता है मेरी
- तस्वीरों सा -
- तकदीरों सा -
तू आँखों से , रिसता है मेरी
- जज़्बातों की -
- ताबीरों सा -
तू चूड़ी कंगन झुमके की
झंकार सा मुझमें बजता है
तू बंसी के संगीत सा है
मुझमें हर्फों सा बसता है
तितली के तू पंख भी है
पेड़ों का हरा तू रंग भी है
तू बरगद की छाया भी है
तू शीशम के पत्तों की खनक
तू शाम के दूध की प्याली में
केसर की तरह घुलती हसरत
तू कोहरे से लिपटी खुशबू है
तू ओस में लिपटा पानी है
जितनी तुझमे मेरी है सुन,
उतनी मुझमें तेरी कहानी है। .
तू एक बरसता लम्हा है
चंद करोड़ों सालों -सा
कभी तेज़ बहुत तू चलता है
कभी हौले से मुझमें ढुलके
मैं मैं भी रहा, तू तू भी रहा ;
कुछ ऐसे घुला तुझमें मिलके।"
ताबीर = meaning, interpretation
हर्फ़ = alphabet
Shayad inhi Sab mein hamara astitav kahin ghula Hua Hai.....
ReplyDeleteतू ही है मेरा शाम सवेरा
ReplyDeleteतू ही है दिन का चैन मेरा।
मैं मुझसे ही मिलके यूं उलझा
तू मुझमें ही था हर पल ठहरा।
तू सीने में बस्ता है मेरे
-धड़कन कि तरह-
-हर धुन में सदा-
तू गले से लगता है मेरे
-तावीज़ो में-
-तसवीरों सा-
चूड़ी कंगन झुमके ये क्या कहते हैैं?
क्या मैं तेरा हूं अौर तू मेरा है?
संगीत में बस्ता हर्फ तेरे
या तो तेरा है,या तो मेरा है।
तू पीपल की छांव सी मुझपे रहती है
तू पगडंडी सी कोसों दूर मेरे संग चलती है
तू है रूप सुबह का सपनों सा
ये शाम को नदियां कहती हैं।
तू भी है लम्हा मुझसा ही कोई
सौ सालों में इक लम्हा जैसे जीत गया।
तू मुझमें घुला मैं तुझमें घुला
तुझमें घुल के मैं तो जी सा गया।
-VS
Vs___ क्या और कैसे लिखूं?अरे नादान आखिर कब समझोगे तुम!!!?
ReplyDeleteExcuse me! Who r u?
Deletethank you all.
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