Featured Post

Yes its sinking in.. Rank 40, CSE 2015.The UPSC circle- the close and the beginning.

Bagh-e-Bahisht Se Mujhe Hukam-e-Safar Diya Tha Kyun Kaar-e-Jahan Daraz Hai, Ab Mera Intezar Kar                      - Mohammad...

Saturday, April 22, 2017

In my entireness.


I miss you in the silence of the dusk,
which the noise of this city-town keeps breaking.

I miss you in the noise of this city-town,
which always leaves my heart crying and aching.

I miss you in the aching of my heart,
and it peeks as moisture from my weary eyes.

I miss you in my weary eyes craving for a peaceful sleep,
and making efforts for it tireless.
And there, yes there,
I miss you,in my entireness.


"तेरी शफ़कत थी , या कोई आज़ाब था ?
ये पता न चला, इब्तिदा कब हुई , कब मुक़म्मल हुआ।"

ps- शफ़कत - affection
आज़ाब - deluge, flood
इब्तिदा - beginning
मुक़म्मल - completion, totality

Monday, April 10, 2017

Between language and silence.


" मेरे हर हर्फ़ को, हर मेरे अलफ़ाज़ को,
तोलता सौ ज़ुबानों में , हर मेरे  एहसास को,
थक गया था मैं, जग की ये क्या रीत है।

पर ज़ुबां से तेरी जो मुख़ातिब हुआ,
तो ये जाना किया,
- मेरी ख़ामोशियों में भी संगीत है। -

कोई शफ़कत है ये ?
या अक़ीदत कोई ?
दे बता ऐ ख़ुदा।
ऐ ख़ुदा , दे बता।


मेरे बचपन से मुझमें , 

मुसलसल सा है ...
मेरी माँ का मुझे , हाँ वो हर रोज़ ही
तू सुनाया हुआ, हाँ वो परियों भरा
- रात का गीत है। -

तू मेरा कौन है?
मैं तेरा कौन हूँ ?
कौन अरमान है? 
कौन अनजान है ?
दे बता , ऐ ख़ुदा
ऐ  खुदा, दे बता ...

"To that question,
as to why I loved talking to him
day and night.
Because,
 He could talk to me
- mind to mind - 
 - thought to thought - 
- light to light - "

ps-  wrote something in Urdu after a long time.
हर्फ़ in urdu means : letter
अलफ़ाज़ : word
मुख़ातिब : to converse with
शफ़कत: affection
अक़ीदत : devotion
मुसलसल:  continuous, eternal

Saturday, April 8, 2017

Usually.


"तू मेरे गीत का कौनसा लफ्ज़ है?
मैंने तुझको कभी, हाँ लिखा भी नहीं। "
No.
Not in these places.
I find you in spaces
of me,
that I don't usually traverse.
And see you building hamlets there.

Lets build a boat.
And sail away
to those places
those spaces
of you
you don't usually traverse.
"तू मेरे गीत का, कौनसा लफ्ज़ है ?
मैंने तुझको कभी, हाँ लिखा भी नहीं। 
गुनगुनाता भी है ,मेरे एहसास में ,
कागज़ों पर मेरे, दीखता भी नहीं 
तू मेरा कौन है ?
मै तेरा कौन हूँ ?
कौन अरमान है ?
कौन अनजान है ?
 ए खुदा , दे बता 
दे बता , ए  ख़ुदा.."
ps: To Unworldly.