रंग पूछे राग से ,क्यों न थिरके अपनी धुन पे तू ?
राग बोले, भर दे मुझे भी ज़रा तू यूँ ....
नींद पूछे ख्वाब से ,क्या नहीं है सच तू बता ?
ख्वाब कहे, आजा तू, मै सच हो जाऊँगा ....
लफ़्ज़ पूछे कागज़ से ये, क्यों है कोरा अब भी मन तेरा
कागज़ बोले, छू दे तू, पूरा हो जाऊँगा मै ....
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