मै उड़ने लगा तुझसे मिलके
मैं मैं भी रहा, तू तू भी रहा ;
कुछ ऐसे घुला तुझमें मिलके
तू पलकों पर , उड़ता है मेरी
- तस्वीरों सा -
- तकदीरों सा -
तू आँखों से , रिसता है मेरी
- जज़्बातों की -
- ताबीरों सा -
तू चूड़ी कंगन झुमके की
झंकार सा मुझमें बजता है
तू बंसी के संगीत सा है
मुझमें हर्फों सा बसता है
तितली के तू पंख भी है
पेड़ों का हरा तू रंग भी है
तू बरगद की छाया भी है
तू शीशम के पत्तों की खनक
तू शाम के दूध की प्याली में
केसर की तरह घुलती हसरत
तू कोहरे से लिपटी खुशबू है
तू ओस में लिपटा पानी है
जितनी तुझमे मेरी है सुन,
उतनी मुझमें तेरी कहानी है। .
तू एक बरसता लम्हा है
चंद करोड़ों सालों -सा
कभी तेज़ बहुत तू चलता है
कभी हौले से मुझमें ढुलके
मैं मैं भी रहा, तू तू भी रहा ;
कुछ ऐसे घुला तुझमें मिलके।"
ताबीर = meaning, interpretation
हर्फ़ = alphabet