I know the darkness between these spaces
I am light.
Will you let me reach you then?
For I'm going to rain tonight.
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....तू उलझा है जब जब
तू टूटा है जब जब
इन हौंसलों सा;
जमा है नमी सा
रहा है कमी सा
तू जुड़ जाएगा फिर
कहानी-सा इक दिन
तू मिल जाएगा फिर
रास्तों में किसी दिन.
तू इन धमनियों में,
धधकता हुआ -सा
अरमान बनके,
तू जाना-सा कोई
अनजान बनके ,
मिल जाएगा फिर
रास्तों में किसी दिन.
Gazal Bharadwaj a mixture of inspiration and love.
ReplyDeleteKeep it up.
https://wordpress.com/post/thebeautifulworldofswagat.wordpress.com/21