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Bagh-e-Bahisht Se Mujhe Hukam-e-Safar Diya Tha Kyun Kaar-e-Jahan Daraz Hai, Ab Mera Intezar Kar                      - Mohammad...

Friday, January 15, 2021

The language of languages.


क्योंकि 

एक सांझ तुमने

इंग्लिश की चार लाइनों वाली कॉपी पर

उर्दू का एक नुक़्ता बना दिया ।

भाषाएँ मुस्कुराती रहीं,

रात भर।

6 comments:

  1. काश एक शांति की दुनियाँ मैं बना पाऊँ,
    काश उसे अपनी अच्छी सोच से मैं सजा पाऊँ,
    आसान हैं लड़ झगड़ के रहना,
    बड़ा मुश्किल हैं, शांति से हर बात को अपनी कहना।

    काश मेरी ख्वाहिशों के इशारे,
    मेरे अपनों को समझ आने लगे।
    कैसे दुनियाँ को भूल हम,
    खुदा की बनाई राह पर जाने लगे।

    काश ज़िन्दगी का सफर,
    यूं ही अपनों के संग हस्ते हुये कट जाये।
    मेरी कमाई ज्ञान की दौलत,
    मेरे अपनों में भी थोड़ी थोड़ी बंट जाये।

    काश इस दुनियाँ में,
    सब प्यार की भाषा समझते,
    अपने को संभाल,
    किसी और की बातों में ना उलझते।

    काश प्यार की अनोखी कला,
    मैं दुनियाँ को शांति से बताती।
    अपने को कर जग कल्याण के लिए समर्पित,
    मैं दूसरों की ख़ुशी में मुस्कुराती।

    काश शांति का सफर,
    सबको अच्छा लगता करना।
    मद मस्त रहते सब अपनी धुन में,
    फिर क्या, किसी से डरना।

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    1. Haan shayad aapne sahi kaha sabhi yeh baat samajh jayain to ye aapas ka jhagda hi khatam ho jaye aur ye mera desh phir se sone ki chidya ban jaye

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  2. दुनिया का सबसे सुखी वह अमीर वही मनुष्य है
    जिसके पास अपने ईश्वर का नाम लेने का समय है

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  3. Dil ki baat dil tak pahunch jaye...aur bhasha muskurati rahey............

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. तुम अल्हड़ बादल सी आती हो चली जाती हो।

    एकदम मधवासी सी छूके गुजर जाती हो।


    मैं नि:शब्द खड़ा ,तुम्हे देखते रहता हूं


    वही मूर्त होके खड़ा रहता हूं,तुम्हारे आस में


    किसी अवघड़ की तरह पड़ा रहता हूं।


    तुम हिरनी सी,सुनहरी,अल्हड़, खिलखिलाती


    तुम छेड़ती हो बालो को,उंगलियों से किसी साज की तरह


    और फिजाओ में अपनी महक छोड़ जाती हो


    तुम अल्हड़ बादल सी आती हो फिर चली जाती हो।




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